Cultural Samvaad| Indian Culture and Heritage
Devi Kali Mantra - गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला

Join Cultural Samvaad’s WhatsApp Community

गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला

        महोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला ।

विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी

    महाकालकामाकुला कालिकेयम् ॥

हिन्दी में भावार्थ

मैं उन महादेवी महाकाली को प्रणाम करता हूँ जिनके गले में रक्त टपकते हुए मुण्ड समूहों की माला सुशोभित हो रही है, जो अत्यन्त घोर शब्द कर रही हैं, जिनके विशाल दन्त हैं, जिनका स्वरूप भयानक है, जो वस्त्ररहित हैं, जो श्मशान में निवास करती हैं तथा जिनके केश मुक्त हैं| माँ काली अपने भक्तों को इस संसार के बंधन से मुक्त कराने हेतु महाकाल के साथ लीला में निरत होने के लिये व्याकुल हैं।

Meaning in English

My salutations to Devi Mahakali (the great dark Goddess) who is adorned with a garland of severed heads from which blood is dripping, is making a terrible sound, has large sparkling teeth and a terrifying appearance. She is without any garments, resides in cremation grounds and her hair is free and let loose. Maa Kali is yearning to merge with Mahakala to carry her devotees beyond the fetters of this world.

 

Explore Our Popular Articles on Indian Culture and Heritage