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कुंभ मेला | समुद्र मंथन – कुम्भ मेले की उत्पत्ति की कथा

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प्राचीन काल से भारत में आयोजित किया जाने वाला कुंभ मेला निस्संदेह पृथ्वी पर होने वाला सबसे बड़ा मानव समागम है। यद्यपि आधुनिक इतिहास प्रणाली से कुंभ के काल, इत्यादि का निर्धारण करने हेतु शोध कार्य चालू है, पुराणों में कुम्भ मेले से जुड़ी अनेकानेक अर्वाचीन कथायें पायी जाती हैं|  कथाओं के इस सागर में कुंभ मेले की उत्पत्ति से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध पुराकथा समुद्र मंथन की है|

Samudra Manthan

समुद्र मंथन की कहानी 

अनादि काल में देवताओं एवं असुरों में असंख्य युद्ध हुये| एक बार असुरों के पराक्रमी राजा बलि ने देवराज इन्द्र की सेना को परास्त कर दिया| इन्द्रादि देवता ब्रह्माजी के पास सहायता के लिए गए| गहन विचार-विमर्श के बाद, उन सब ने यह निर्णय लिया गया कि वे समुद्र मंथन करेंगे और उससे प्राप्त होने वाले अमृत का सेवन कर अमर हो जायेंगे| ब्रह्माजी ने देवताओं को असुरों से मित्रता करने की सलाह दी ताकि वे इस अत्यधिक कठिन कार्य में उनका सहयोग प्राप्त कर सकें। असुर इस शर्त पर सहमत हुए कि उन्हें भी समुद्र से निकले अमृत में अपना हिस्सा प्राप्त होगा।

भव्य, गिरिराज मंदर पर्वत मथनी बन गये और सर्पों के महान राजा वासुकी मथनी की रस्सी बन गये| विष्णुजी ने कूर्म अवतार लेकर मंदर को स्थिरता प्रदान करने में सहायता की। समुद्र मंथन का अकल्पनीय एवं दुर्गम कार्य प्रारंभ हुआ।

सर्वप्रथम समुद्र से घातक विष या हलाहल उत्पन्न हुआ| ऐसा प्रतीत होने लगा कि वह हलाहल समस्त ब्रह्माण्ड को नष्ट कर देगा। देवों के देव महादेव ने इस विष को पी लिया और माता पार्वती की सहायता से, तब से ही इसे अपने कण्ठ में धारण किए हूये हैं। इसी कारण से वे नीलकण्ठ कहलाते हैं।

Story of Kumbh Mela in English

तद्पश्चात, समुद्र मंथन से असंख्य रत्न निकले| आदिशक्ति, हिरण्यमयी माता महालक्ष्मी,  दिव्य गाय सुरभि , चार दाँतों वाले सफेद हाथी – ऐरावत , उच्चैःश्रवा नामक सफेद अश्व एवं कल्प वृक्ष का प्रादुर्भाव भी इसी समुद्र मंथन से हुआ ।

अंततः,  देवों के चिकित्सक, श्री धन्वन्तरि अमृत का कुम्भ लेकर प्रकट हुये। समुद्र मंथन समाप्त हो गया और देवता एवं असुर दोनों अमृत को पाने के लिए बहस करने लगे। विष्णुजी ने गरुड़ को अमृत कलश लेकर उड़ जाने का संकेत किया| वहीं दूसरी ओर, देवताओं तथा असुरों में अमृत के कुंभ पर नियंत्रण पाने के लिए युद्ध छिड़ गया| ऐसा माना जाता है कि १२ दिनों तक चले इस युद्ध के दौरान, अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर हरिद्वार (उत्तराखंड), प्रयाग (उत्तर प्रदेश), उज्जैन (मध्य प्रदेश) और नासिक (महाराष्ट्र) नामक चार स्थानों पर गिर गयीं थीं|

विवाद को समाप्त करने के लिए, विष्णु ने मोहिनी नामक एक मंत्रमुग्ध करने वाली स्त्री का रूप धारण किया और अपनी इच्छानुसार अमृत वितरित कर दिया| यह तो हम जानते ही हैं कि देवताओं को लगभग पूरा अमृत मिल गया|

आज भी, हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में कुम्भ मेलों के दौरान, दुनिया भर से श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और इन दिव्य तीर्थों के अमृतमयी पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं|  ये मोक्षदायक जल हमें सभी पापों से मुक्त करे और हमें सत्य के मार्ग पर अग्रसर करे। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि हम मनुष्य भी इस दिव्य जल को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने में तत्पर रहें और अपने कर्तव्य का निर्वाह करें| ॐ शान्ति|

कुंभ मेला
कुंभ मेले का दृश्य – Image in Public Domain

टिप्पणी:

  • कुंभ का अर्थ घड़ा होता है|
  • समुद्र मंथन की कहानी महाभारत और पुराणों सहित अनेक भारतीय ग्रंथों में पाई जाती है|  संभव है कि आपको कहीं और हमारे द्वारा प्रस्तुत कथा से कुछ अंतर प्राप्त हों । इस अमर कथा को भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में चित्रों एवं मूर्तियों में भी अनेकानेक बार दर्शाया गया है| कंबोडिया के अंगकोर वाट मंदिर और थाईलैंड के  के सुवर्णभूमि हवाई अड्डे के चित्रण विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं|
  • २०२५ की  गणतंत्र दिवस परेड में प्रयागराज महाकुंभ २०२५  (144 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला विशेष कुंभ मेला)  के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा प्रस्तुत झांकी में भी समुद्र मंथन को दर्शाया गया था|

    Samudra Manthan - Angkor Vat, Cambodia
    Samudra Manthan – Angkor Vat, Cambodia

 

 

 

Garima Chaudhry Hiranya Citi Tata Topper

Garima Chaudhry

Garima is a corporate leader and the Founder and Editor of Cultural Samvaad. An Indic Studies enthusiast, she is a guest faculty member at the Mumbai University and K J Somaiya Institute of Dharma Studies among other institutes . Passionate about understanding India’s ancient 'संस्कृति 'or culture, Garima believes that using a unique idiom which is native to our land and her ethos, is the key to bringing sustainable growth and change in India.

In her corporate avataar, Garima runs Hiranya Growth Partners LLP, a boutique consulting and content firm based in Mumbai. She is a business leader with over two decades of experience across Financial Services, Digital Payments and eCommerce, Education and Media at Network18 (Capital18 and Topperlearning), Citibank and TAS (the Tata Group). Garima is an MBA from XLRI, Jamshedpur and an Economics and Statistics Graduate.

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