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Ganpati Mantra - गजाननं भूतगणादि

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गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम् ।

उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥

हिन्दी में भावार्थ

मैं उन विघ्नेश्वर पार्वती पुत्र (गणपति) के चरण कमलों में नमस्कार करती हूँ (करता हूँ) जो हाथी के समान मुख वाले हैं, भूतगणों, आदि द्वारा सेवित हैं, जो  कैथा तथा जामुन जैसे स्वादिष्ट फलों का सेवन करते हैं एवं प्राणियों के शोक का विनाश करते हैं|

Meaning in English

I pay my obeisance to the lotus feet of the son of Parvati,  Shri Vigneshwara (Ganapati),  who has the face of an elephant, who is served by bhutaganas (celestial beings) and other attendants, who partakes the delicious kapittha (wood apple) and jambu (rose apple) fruits and who destroys the sorrows of all beings.

 

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