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धन्वन्तरि ध्यान मन्त्र

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क्षीरोदमथनोद्भूतं दिव्यगन्धानुलेपिनम्।

सुधाकलशहस्तं तं वन्दे धन्वन्तरिं हरिम्॥

Meaning in English

I bow down to Dhanvantari,  the one who emerged from the churning of the ocean, is adorned with divine fragrances, holds a pot filled with amrita (divine nectar) in his hands and is the embodiment of Shri Hari.

हिन्दी में अर्थ 

जिनका उद्भव समुद्र-मंथन से हुआ है, जो दिव्य गन्धों से लिपे हुये हैं, जिनके हाथों में अमृत से भरा हुआ कलश है, उन हरि के स्वरूप धन्वन्तरि को मैं प्रणाम करता हूँ|

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान धन्वन्तरि विष्णु का एक अवतार हैं एवं धन त्रयोदशी या धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से प्रकट हुये थे। उनके एक हाथ में अमृत से भर हुआ कलश है और इसलिए वे भारतीय परंपरा में आयुर्वेद के अध्यक्ष देवता के रूप में पूजे जाते हैं। उनके सम्मान में धनतेरस या धनत्रयोदशी के पर्व को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। धनतेरस को धन्वन्तरि जयन्ती के नाम से भी जाना जाता है|

अपने प्रियजनों को पारम्परिक संस्कृत एवं हिन्दी में दीपावली की शुभकामनायें भेजें 

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